Saturday, May 18, 2019

जिंदगी में क्यों भरोसा करते हो गैरों 😏 पर, जब चलना है अपने ही पैरों 👣 पर।


कभी जो जिंदगी में थक 😩 जाओ, तो किसी को कानो कान खबर 👂 भी न होने देना, क्योंकि लोग टूटी
हुई इमारतों 🏚️ की ईंट तक उठा कर ले जाते हैं।


न बदली वक्त 🕰️ की गर्दिश न जमाना बदला, जब सूख गई पेड़ की डाली 🍂 तो परिंदों ने ठिकाना 🕊️ बदला।

जिंदगी की हकीकत को बस हमने इतना ही जाना है, दर्द में अकेले हैं और खुशियों में सारा जमाना है।

ज्यादा नादान इंसान ही जिंदगी का मज़ा ले सकता है, वरना ज्यादा होशियार इंसान तो अपनी जिंदगी में ही उलझा 😕 रहता है।

जिंदगी में मीठा झूठ 🤥 बोलने से अच्छा है, कड़वाझूठ बोला जाए, इससे आपको झूठे दोस्तों से अच्छे सच्चे दुश्मन तो मिलेंगे।


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